संछिप्त परिचय
|नाम : जयशंकर प्रसाद
|पिता का नाम : देवीप्रशाद
|जन्म : सन् 1890 ई
|जन्म स्थान : काशी
|प्रारंम्भिक शिक्षा : अंग्रेजी, फारसी, उर्दू, हिन्दी व संस्कृत का स्वाध्याय।
|लेखन - विद्या : काव्य, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध
|भाषा - शैली : विचारात्मक, कंकाल तितली इन्द्रज़ल आंसू कामायनी
|निधन : 15 नवम्बर, सन 1937 ई
|साहित्य मे स्थान : प्रसाद जी को हिन्दी - साहित्य जगत मे नाटको को उत्कृष्ट लेखन के कारण 'प्रसाद युग' का निमार्णकर्ता कहा जाता ह।
जीवन परिचय
जीवन परिचय = जयशंकर प्रसाद का जन्म सन 1890 ई मे काशी के प्रशिद्ध वैश्य परिवार मे हुआ था। प्रसाद जी के पिता देवीप्रशाद, स्वयं साहित्यप्रेमी थे। इस प्रकार प्रसाद जी को जन्म से ही साहित्यिक वातावरण प्राप्त हुआ। प्रसाद जी ने बालवस्था मे ही अपने मता - पिता के साथ देश के विभिन्न तीर्थ स्थानों की यात्रा की। कुछ समय बद ही इनके माता - पिता का निधन हो गया। ऐसी अवस्था मे प्रसाद जी की देखभाल का इनके भाई शम्भूरत्न पर आ गया। उस समय प्रसाद जी कवीन्स कॉलेज मे सातवीं कक्षा मे पढ़ते थे। इसके पश्चात् इनकी पढ़ाई का प्रबंध घर पर ही कर दिया गया प्रसाद जी ने घर पर ही हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी और फारसी की शिक्षा प्राप्त की। दुर्भाग्य से 17 वर्ष की अवस्था मे इनके भाई का भी निधन हो गया।
भाई की मृत्यु के पुश्चात् प्रसाद जी पर समस्त परिवार का भार आ पड़ा; परन्तु प्रशाद जी ने आर्थिक चिंन्ताओं से घिरे होने पर भी साहित्य लेखन से मुख नहीं मिड़ा। क्षय रोग से ग्रस्त होकर 15 नवम्बर, सन 1937 ई को काशी मे प्रसाद जी का निधन हो गया।
साहित्यिक - परिचय = प्रसाद जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। प्रसाद ने एक कवि, नाटककार, उपन्यासकार, कहानिकार एवं निबन्धकर के रूप मे हिन्दी - साहित्य की अपूर्व सेवा की। प्रसाद जी ने भारतीय इतिहास एवं दर्शन का अध्ययन किया। प्रसाद जी हिन्दी के महान कवि होने के साथ - साथ सर्वश्रेष्ठ नाटककार भी थे । ' कामायनी' जैसे विश्वस्तरीय महाकाव्य की रचना करके प्रसाद जी ने हिन्दी - साहित्य को अमर कर दिया । इन्हे हिन्दुस्तान एकेडमी और काशी नगरी प्रचारिणी ने पुरस्कृत किया। इनकी रचनाओं मे भारतीय एवं पाश्चातय विचारधाराओं की तुलनात्मक समीक्षा और आदर्श व यथार्थ का अनुपम समन्वय देखने को मिलता है। नाटक के क्षेत्र मे इनके अभिनव योगदान के फलस्वरूप नाटक विद्या मे प्रसाद युग का सूत्रपात हुआ।
कृतियां : नाटक = ' चन्द्रगुप्त ', स्कन्दगुप्त, ' सज्जन ', करुणामय, ' विशाख ', आदि।
उपन्यास = ' कंकाल ', ' तितली ', और ' इरावती ', (अपूर्ण )
कहानी - संग्रह = ' छाया ', ' प्रतिध्वनि ', ' आकाशदीप ', इंन्द्रज़ाल ', और आँधी।
निबंध = ' काव्य - कला एवं अन्य निबंध।
काव्य = ' चित्राधार ', ' लहर ', ' झरना ', प्रेमपथिक ', ' आंसू ', तथा ' कामायनी ',।
4 Comments
Supeeerb
ReplyDelete👏👏👏🎉🎉🎉👍👍👍
ReplyDeleteThank u all readers
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDelete